इश्क का ऐसा हश्र देखकर सन्नाटा भी सहम गया
ख़ुद को और क़िस्मत को कोसते कुछ और वक़्त निकल गया..
To be continued...
आज सामने है वो मेरे और संग है उसका जीवन साथी
जिसने उसका ग़म बाँटा और ख़ुद की ख़ुशी बाँटी आधी-आधी
कुछ शरमाई है....कुछ घबराई है...
आँखों में उसके इक नई चमक आई है
कुछ देर बाद जाना...शरारत में
उसकी कलाई उसके 'Better half' ने दबाई है
तो क्या सब कुछ भूल पाना इतना आसान था..???
इस सवाल से मेरे मन में आया एक तूफान था
तो पूछ ही लिया मौका पाकर और सारी हिम्मत जुटाकर
बोली..कौन ख़ुश होता है कोई अनचाही ठोकर पाकर..!!!
जो छूट गया है उसकी बिछड़न में
आज का जशन न मनाऊँ....!!!!!!
पर जो बैठा है राह में मेरी
उसकी आस तोड़ने की हिम्मत..मैं कहाँ से लाऊँ..??
जिसकी हर बात में मैं हूँ..याद में मैं हूँ..हर हालात में मैं हूँ
जिसकी हर बात मुझसे शुरू हो..मुझ पर ही ख़त्म हो जाती है
ऐसा दोस्त..ऐसा साथी पाकर
मेरी क़िस्मत..ख़ुद पर रश्क़ कर जाती है
यह बात सही है वो जगह न मैं कभी किसी को दे पाऊँगी
पर कोशिश यही रहेगी..
उस जगह से ऊपर कोई ओहदा बनाऊँगी
और जो हासिल है उसे वहाँ तक ख़ुद लेकर जाऊँगी
इस आग़ाज़ का अंत मैं कुछ इस तरह कर जाऊँगी
अब मेरी पलकें भीगीं थीं....
कि मेरे मन..!!! तुम यूँ ही दुखी हो जाते हो
पर ऐ ख़ुद से लड़ने वालों..!!!
ऐसा जज़्बा कहाँ से लाते हो..????
ख़ुद को और क़िस्मत को कोसते कुछ और वक़्त निकल गया..
To be continued...
आज सामने है वो मेरे और संग है उसका जीवन साथी
जिसने उसका ग़म बाँटा और ख़ुद की ख़ुशी बाँटी आधी-आधी
कुछ शरमाई है....कुछ घबराई है...
आँखों में उसके इक नई चमक आई है
कुछ देर बाद जाना...शरारत में
उसकी कलाई उसके 'Better half' ने दबाई है
तो क्या सब कुछ भूल पाना इतना आसान था..???
इस सवाल से मेरे मन में आया एक तूफान था
तो पूछ ही लिया मौका पाकर और सारी हिम्मत जुटाकर
बोली..कौन ख़ुश होता है कोई अनचाही ठोकर पाकर..!!!
जो छूट गया है उसकी बिछड़न में
आज का जशन न मनाऊँ....!!!!!!
पर जो बैठा है राह में मेरी
उसकी आस तोड़ने की हिम्मत..मैं कहाँ से लाऊँ..??
जिसकी हर बात में मैं हूँ..याद में मैं हूँ..हर हालात में मैं हूँ
जिसकी हर बात मुझसे शुरू हो..मुझ पर ही ख़त्म हो जाती है
ऐसा दोस्त..ऐसा साथी पाकर
मेरी क़िस्मत..ख़ुद पर रश्क़ कर जाती है
यह बात सही है वो जगह न मैं कभी किसी को दे पाऊँगी
पर कोशिश यही रहेगी..
उस जगह से ऊपर कोई ओहदा बनाऊँगी
और जो हासिल है उसे वहाँ तक ख़ुद लेकर जाऊँगी
इस आग़ाज़ का अंत मैं कुछ इस तरह कर जाऊँगी
अब मेरी पलकें भीगीं थीं....
कि मेरे मन..!!! तुम यूँ ही दुखी हो जाते हो
पर ऐ ख़ुद से लड़ने वालों..!!!
ऐसा जज़्बा कहाँ से लाते हो..????
Thank..uuuuuuu
ReplyDelete������������������������������������������������������
I am unable to find proper words to appreciate
Amazzzzzzedddddd
Please ma'am,
Never quit writing. You have wonderful skills.
Thank you so..much...pls keep reading :-) :-) :-)
ReplyDeleteShaheen ji...its long time to see your any post When can we read it?????????????
ReplyDeleteSo..good to read this really..thanx..
DeleteIt will be published soon
शायद तुमको पता नही होगा, मै तुम्हारा सबसे बड़ा फैन हुं तुम्हारे लिखने के इस अंदाज का🥰🥰
ReplyDeleteZehnaseeb....wese ab pata chl gya h hme....😊
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