Tuesday, February 04, 2020

ख़ूबसूरत क़ैद



अपने ख़्यालों में अक्सर वो
मुझ पर मुक़दमा दर्ज कराता है 🙈

उसके चेहरे के हाव-भाव से
मुद्दा कुछ संगीन नज़र आता है 😵

अदालत भी उसकी..मुहाफ़िज़ भी वो..
दलीलें भी उसकी.. अमन-ओ-आमान भी वो 😓

क्या कहा..... ये इन्साफ़ नहीं है...!!!!
अजी..!!! इन्साफ़ की यहाँ दरकार नहीं है 💗


इल्ज़ामातों के सिलसिले का
अब  आग़ाज़  होता  है......

शुरु  में  झूठ-मूट  का
वो मुझ से नाराज़ होता है 😏

उधर खड़ी कटघरे में..मैं
मंद-मंद  मुस्काती  हूँ...😚

उसकी सारी कोशिशों को
जब सिफ़र मैं पाती हूँ

दलीलों के वक्त जब उसकी आँखें
मेरी आँखों से मिल जाती है

मुस्कान उसके होठों पर
बिखरने को आमादा हो जाती है 😊😍

सब उसके हक़ में होने पर भी
मैं बा-इज़्ज़त रिहा हो जाती हूँ

पर समझाऊँ कैसे उस बुद्धू को
कि मैं रिहा होना कहाँ चाहती हूँ 🙆


मुहाफ़िज़ : फैसला सुनाने वाला, जज
अमन-ओ-आमान: कानून ओेैर व्यवस्था

6 comments:

  1. Kon h wo Khushnasee.... Fariyadi...?����

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    1. Jo shqs is khoobsurt girft m girftaar ho...wo hr shqs khusnaseeb h...fir chahe wo aap hi ho 😊

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  2. दिल की सारी शिकायते अब किसके सामने कहूँ...
    वो वकील, जज सब उसके है,, मैं तो बस गवाह बनकर खड़ा हुँ

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    1. Wahi shqs sunega jise apko sunna hr haal m pasnd krta ho...preshan na hoiye..
      Keep reading 😊

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Happy reading.....