Tuesday, February 20, 2018

...उम्मीद part-2...



हर रात की एक सुबह होती है
दर्द होता है तो दवा भी होती है...

नहीं चाहिए जो....
उसकी फेहरिस्त है ख़ैर बहुत लम्बी
                पर ख़ुद की चाहत भी हमेशा ...
                कहाँ  हमें  पता  होती  है.......

जो मिल गया..उसे तू मुकद्दर समझ
हर ख़ुशी यहाँ कब किस को अता होती है

               यह तो बस नज़रिये का फर्क़ है..ऐ दोस्त..!!
               चंद लोगों में ही ज़िन्दगी के लिए ऐसी वफ़ा होती है



2 comments:

Happy reading.....