Monday, April 16, 2018

ज़िन्दगी part-1


तूफानों के आने पर पत्ते बिखर ही जाते हैं
लाख  रोेए  आसमां सितारे टूट  ही जाते हैं

झूठ कहते हैं वो..कि रिश्तों को बाँधना कठिन है
पर  बंदिशों  में अक्सर  वजूद  खो  ही  जाते  हैं

शिकायतों  का क्या  है वो  तो हरदम ही की जाती हैं
अफसोस  तो तब होता है जब लोग  मौन रह जाते हैं

यूँ  तो  हर  राह  मंज़िल  तक  नहीं  ले  जाती...
पर मंज़िल तक पहुँच कर भी मुसाफिर भटक ही जाते हैं

हवाओं की बेरुख़ी भी जो बयां नहीं कर पाती
पीछे छूटते साये अक्सर वो बात कह जाते हैं...

दर्द की  राहों  में  ख़ुशी की एक दस्तक  नसीब नहीं  होती
पर ख़ुशी के रास्तों पर दर्द के समन्दर सैलाब ले ही आते हैं

To be continued......

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Happy reading.....