इस लम्हे की ताक़त का अन्दाज़ा तुम्हें अभी न होगा
दिन तो बीत ही गया है..... अंधेरा भी जल्द होगा
फिर दिन...महीने-साल बनकर रेत-से फिसल जाएँगे
इस फिसलती रेत का..अन्जाम आख़िर क्या होगा...???
काँटों पर चलना तुम्हारा...ग़र कभी हुआ होगा
फूलों के उस ग़लीचे को याद तो ज़रूर किया होगा
परवानों को जलते देख..छलक आए हों ग़र आँसू
शमा को महफिल में रोता देख..दुख तो ज़रूर हुआ होगा
उस बेरुख़ी का सबब न जाने क्या रहा होगा
इक दिल को दुखा कर वो भी कितना रोया होगा
' नहीं जानते उसे '- कहते ही नम हुई थी वो आँखें
शायद मुलाकातों का सिलसिला ज़हन में उभर गया होगा
चलते-चलते अब तो रास्ता भी थक गया होगा
रेगिस्तान में फिर से ज़हरा का भ्रम ही हुआ होगा
क्या शिद्दत रही होगी उन ऐड़ियों में भी
रगड़ से जिसकी ...चश्मा जारी हो गया होगा
इस लम्हे की ताक़त का अन्दाज़ा तुम्हें अभी न होगा
दिन तो बीत ही गया है..... अंधेरा भी जल्द होगा
ग़मों से दामन न छूट सका यहाँ कभी किसी का
ख़ुशी से ज़्यादा सिखाने का सलीक़ा ग़मों में ही रहा होगा
दिन तो बीत ही गया है..... अंधेरा भी जल्द होगा
फिर दिन...महीने-साल बनकर रेत-से फिसल जाएँगे
इस फिसलती रेत का..अन्जाम आख़िर क्या होगा...???
काँटों पर चलना तुम्हारा...ग़र कभी हुआ होगा
फूलों के उस ग़लीचे को याद तो ज़रूर किया होगा
परवानों को जलते देख..छलक आए हों ग़र आँसू
शमा को महफिल में रोता देख..दुख तो ज़रूर हुआ होगा
उस बेरुख़ी का सबब न जाने क्या रहा होगा
इक दिल को दुखा कर वो भी कितना रोया होगा
' नहीं जानते उसे '- कहते ही नम हुई थी वो आँखें
शायद मुलाकातों का सिलसिला ज़हन में उभर गया होगा
चलते-चलते अब तो रास्ता भी थक गया होगा
रेगिस्तान में फिर से ज़हरा का भ्रम ही हुआ होगा
क्या शिद्दत रही होगी उन ऐड़ियों में भी
रगड़ से जिसकी ...चश्मा जारी हो गया होगा
इस लम्हे की ताक़त का अन्दाज़ा तुम्हें अभी न होगा
दिन तो बीत ही गया है..... अंधेरा भी जल्द होगा
ग़मों से दामन न छूट सका यहाँ कभी किसी का
ख़ुशी से ज़्यादा सिखाने का सलीक़ा ग़मों में ही रहा होगा
Awesome 😍
ReplyDeleteThanx..alot dear..keep reading :-)
DeleteSimply grt✌️😘❤️
ReplyDeleteThanx alot..keep reading :-) :-)
DeleteNice
ReplyDeleteThanku..so much mam..pls keep reading :-)
DeleteSaheen ji,like every post of you this is nearst to my heart but I hadn't understood it too much about what it is talking to,probably because of less knowledge of urdu.but,yeah it is nice.
ReplyDeleteThanx a ton..Shivam Sir..I will try to write something in pure hindi..thank..u so much for your valuable suggestion...pls keep reading..& giving ur suggestion:-) :-)
Deletecan't u write some lines in pure hindi for hindi audience
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